Wednesday, June 26, 2013


उम्मीदवारों जी दूसरी सूची: 9 विधानसभाओं के नाम तय
अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली और गोपाल राय बाबरपुर से चुनाव लड़ेंगे
 
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए 9 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है. पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति(पीएसी) ने एक बैठक कर इन नौ सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्ट पर चर्चा की और उम्मीदवारों के नाम तय किए. नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल और बाबरपुर विधानसभा सीट से गोपाल राय के नाम तय किए गए हैं. कुल नौ सीटों के लिए घोषित किए जा रहे उम्मीदवारों के नाम निम्नवत हैः
1.  बाबरपुर- गोपाल राय
2.  बवाना- गजानंद
3.  छतरपुर- ऋषिपाल
4.  कृष्णानगर- सुशील चौहान
5.  मटिया महल- सोहैल सलाउद्दीन
6.  मुस्तफाबाद- कपिल धामा
7.  नई दिल्ली- अरविंद केजरीवाल
8.  शालीमार बाग़- वंदना कुमारी
9.  विश्वास नगर- डॉ. अतुल गुप्ता
 
उम्मीदवारों की इस दूसरी सूची में इंजीनियर, डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं. आम आदमी पार्टी अब तक कुल 20 विधानसभा क्षेत्रों से प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है. इसके अलावा 11 अन्य विधानसभाओं के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची जारी की जा चुकी है. फिलहाल उन नामों पर जनता की राय ली जा रही है. उसके बाद सक्रिय वॉलेंटियर्स की राय ली जाएगी और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति उस पर अंतिम निर्णय लेगी.
अभी तक जितने भी आवेदन आए थे उन आवेदकों के साथ स्क्रीनिंग कमेटी की चर्चा का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. शीघ्र ही कई और विधानसभाओं के लिए भी शॉर्टलिस्ट जारी कर दी जाएगी.
 
आम आदमी पार्टी इस चयन प्रक्रिया के माध्यम से पूरी तरह ध्यान रख रही है कि किसी भी विधानसभा के लिए दागी अथवा अपराधी छवि के उम्मीदवार को टिकट न दिया जाए. सभी 70 सीटों पर अब लोगों के पास अपराधी, भ्रष्ट और चरित्रहीन लोगों की जगह साफ-सुथरी छवि वाले, देशभक्त और त्याग की राजनीति करने वाले लोगों को विधानसभा में भेजने का विकल्प होगा. साथ ही करोड़ो रुपए देकर हाईकमान की मर्जी से टिकट बेचने की परंपरा को भी आम आदमी पार्टी ने चुनौती दे दी है.
 
भारतीय राजनीति में यह पहली बार हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों का नाम, जनता से रायशुमारी और कार्यकर्ताओं की पसंदगी जानने के बाद इतनी पारदर्शिता से तय कर रहा है. आम आदमी पार्टी ने बाकायदा घोषणा कर आम लोगों को आवेदन के लिए प्रेरित किया. किसी भी आवेदनकर्ता के खिलाफ अगर मामूली झगड़े तक का आरोप था, तो उसे भी सार्वजनिक किया गया. इससे आम लोगों ने आवेदकों के बारे में ऐसी-ऐसी जानकारियां उपलब्ध कराईं जिनके आधार पर निर्णय लेना आसान हो सका.
 
प्रत्याशियों का संक्षिप्त परिचय:
गोपाल राय (बाबरपुर) स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से ताल्लुक रखने वाले गोपाल राय छात्र आंदोलनों में लंबे समय से सक्रिय रहे. आईसा, आईएसयू जैसे छात्र संगठनों के जरिए विद्यार्थियों के मुद्दों को उठाते रहे हैं. आईसा से छात्र संघ का चुनाव भी लड़ चुके हैं. छात्र आंदोलनों में सक्रियता की वजह से असामाजिक तत्वों ने उनकी हत्या की नीयत से गोली मारी. जीवन तो बच गया लेकिन उस हमले की वजह से शरीर के कई अंग बुरी तरह प्रभावित हैं. जनलोकपाल आंदोलन में शुरू से सक्रिय रहे हैं. आम लोगों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्षरत हैं और इन्होंने जंतर-मंतर पर दो बार अनशन भी किया है.
 
गजानंद (बवाना) पहले कांग्रेस के साथ जुड़े रहे हैं. सामाजिक सरोकार से जुड़े व्यक्ति की छवि है. मूक-बधिरों के कल्याण के लिए कार्य करते हैं. गरीब कन्याओं की शादी कराना, बच्चों को पढ़ाई में मदद करना और गरीब विधवाओं के कल्याण के लिए सक्रिय रहते हैं. 
 
ऋषिपाल (छतरपुर) ऋषिपाल आयानगर में एक अखाड़ा चलाते हैं और आसपास के बच्चों और युवाओं को कुश्ती की ट्रेनिंग देते हैं. सशस्त्र सीमा बल में भर्ती के लिए परीक्षा देने आने वाले छात्रों के लिए अखाड़े में ठहरने की निःशुल्क व्यवस्था करते हैं. आयानगर और आसपास के इलाके में ऋषिपाल की छवि सबकी मदद के लिए तत्पर रहने वाले व्यक्ति की है.
 
सुशील चौहान (कृष्णानगर) जब अन्नाजी ने आंदोलन शुरू किया तो सुशील ने जर्मनी में इंजीनियर की नौकरी छोड़ी और भारत आकर सीधे आंदोलन से जुड़ गए. पार्टी की ओर से जो भी जिम्मेदारी दी गई उसे दायित्व से निभाया है. कई विधानसभाओं में संगठन खड़ा करने में अहम योगदान रहा है. जनलोकपाल आंदोलन में जुड़े थे और उसके बाद से सभी बड़े-छोटे आंदोलनों में जिम्मेदारी पूर्ण भूमिकाएं निभाते रहे हैं.
 
सोहैल सलाहुद्दीन (मटिया महल) जनलोकपाल आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और आम आदमी पार्टी के बिजली-पानी असहयोग आन्दोलन के दौरान घर घर जाकर लोगो को जागरूक किया और शीला दीक्षित के नाम विरोध पत्र भरवाए.  
 
अरविंद केजरीवाल (नई दिल्ली) इन्कम टैक्स कमिश्नर की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया. नौकरी त्यागने के बाद सूचना का अधिकार कानून बनवाने और उसके प्रचार-प्रसार में सक्रिय योगदान दिया. अन्ना हजारेजी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध देशव्यापी जनलोकपाल आंदोलन शुरू किया. देश के नामी-गिरामी लोगों के भ्रष्टाचार का कच्चा चिठ्ठा जनता के सामने लाते रहे हैं. आम आदमी को बिजली पानी के बढ़े दामों से मुक्ति दिलाने के लिए 15 दिनों का अनशन भी कर चुके हैं.
 
वंदना (शालीमार बाग) गरीब महिलाओं के अधिकारों और घरेलू हिंसा से बचाने के लिए संघर्षरत हैं. महिला सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय प्रयास कर रही संस्था नई पहल की संयोजक हैं. इस संस्था के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का कार्य किया जाता है. जनलोकपाल आंदोलन और उसके बाद के सभी आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल होती रही हैं.
 
कपिल धामा (मुस्तफाबाद) पढ़ाई पूरी करने के बाद कपिल धामा सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए इस बीच जनलोकपाल आंदोलन शुरू हो गया. आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए पूरी तरह से समाजसेवा का मन बना लिया. जुलाई 2012 में कपिल ने उम्मीद फाउंडेशन नामक एक संस्था बनाकर गरीब तबके के बच्चों को शिक्षित करने की अपनी ओर से एक पहल की है.
 
डॉ अतुल गुप्ता (विश्वास नगर) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, ईस्ट दिल्ली के अध्यक्ष रहे हैं. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं. इलाके में मेडिकल कैंपों का समय-समय पर आयोजन कराते रहते हैं. सामाजिक सरोकारों वाले व्यक्ति के रूप में पहचान है और जरूरतमंदों को हर तरह की मदद के लिए तत्पर रहते हैं. जनलोकपाल आंदोलन से शुरू से जुड़े हैं. जंतर-मंतर पर हुए अनशन के दौरान मेडिकल टीम के संयोजक भी रहे हैं.

No comments:

Post a Comment

Competitiveness, climate, security Finn’s priorities Ministry of Finance release Finnish road map of EU presidency. Finland i...