Saturday, November 26, 2016

Dear Mr. Sagar,

Greetings from Dun & Bradstreet!

The Energy sector is an essential building block for economic development of the country. The sector, overall, has witnessed rapid growth in an effort to meet the demands of a developing nation. However, resource augmentation and growth in energy supply have failed to meet the ever increasing demands exerted by the multiplying population, rapid urbanization and progressing economy. Hence, serious energy shortages continue to plague India, forcing it to rely heavily on imports. In this context, renewable energy sources offer viable option to address the energy security concerns and India, today, has one of the highest potentials for the effective use of renewable energy. There is a significant potential for generation of power from renewable energy sources—wind, hydro, and solar energy. Other renewable energy technologies, including solar photovoltaic, solar thermal, hydro and biomass power are also spreading.

In this context, Dun & Bradstreet in association with Nelco is glad to host the Renewable Energy Roundtable with the theme Transforming the Energy Landscape in India’.

The conference is scheduled on Tuesday, November 29, 2016 at The Hotel Eros, Nehru Place, New Delhi from 10:00 am to 1:00 pm, followed by lunch.

This initiative will bring together senior representatives from the renewable energy sector to discuss the key trends driving this sector and deliberate on Make in India initiative – fostering wind, hydro & solar energy, as well as the role of innovative technology & connecting the unconnected through smart renewable energy. Below are the speakers:

1.     Chief Executive Officer & Group Chief Commercial Officer, Hindustan Power Projects Pvt. Ltd.
2.     President, Suzlon Energy Ltd.
3.     Managing Director, NV Vogt Solar Energy India Pvt. Ltd.
4.     Executive Director, Advisory Services, Ernst & Young
5.     Co-Founder & Director, Solar Arise
6.     Mr. Sanjay Aggarwal, Managing Director, Fortum India
7.     Head Business, RenewSys India Pvt. Ltd
8.     Executive Director & CEO, Nelco Ltd., a Tata Enterprise

In this regard, we are glad to invite you to attend this forum. This is a closed door roundtable and as seats are limited, we would request you to kindly confirm your 

 

नई दिल्ली, 26 नवंबर-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पानी को राष्ट्रीय सम्पदा घोषित करने पर बल देते हुए कहा कि यह प्रदेशों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने सभी पड़ोसी राज्यों से दिल्ली की पानी की जरूरत को पूरा करने में भी योगदान देने का आग्रह किया। 
  मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा सतलुज-यमुना लिंक नहर और पानी के मुद्दे पर पूछे गए प्रश्र का उत्तर दे रहे थे। 
उन्होंने कहा कि पानी का विषय आतंरिक प्रदेशों का विषय हैं चाहे उसमें हरियाणा- दिल्ली हो, हरियाणा-पंजाब हो या अन्य प्रदेश हो। उन्होंने कहा कि पानी पहाडों से आता है और यह राष्ट्रीय संपदा बनें ताकि आवश्यकतानुसार प्रदेशों और लोगों को इसकी आपूर्ति हो सके। उन्होंने कहा कि हालांकि दिल्ली में पानी की आवश्यकता अब अधिक बढ गई हैं क्योंकि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में हरियाणा और पंजाब के ही लोग नहीं बल्कि पूरे देश व अन्य प्रांतों के लोग आकर बसे हैं और दिल्ली के साथ लगते गुरुग्राम व फरीदाबाद में भी आबादी बढती जा रही हैं, इसलिए दिल्ली को पानी की आवश्यकता अधिक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार दिल्ली को हरियाणा सर्दियों में पूरा का पूरा पानी देता हैं क्योंकि दिल्ली को पानी की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद व गुरुग्राम में भी पानी की आवश्यकता बढती जा रही है और इसके लिए पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों को आगे आना चाहिए।
राबर्ट वाड्रा के मामले पर कार्यवाही करने के संबंध में पूछे गए प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से किसी का नाम कभी नहीं लिया हैं और आज भी नहीं ले रहे हैं, लेकिन जिस किसी ने भी यह अनियमित्ताएं की होंगी या जो कोई भी संलिप्त होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रक्रिया चल रहे है , कुछ कार्यवाहियां विजिलेंस में और कुछ कार्यवाहियां न्यायालय में की जा रही हैं, परंतु किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी कोई गलत करेगा तो उसे भी नहीं छोड़ा जाएगा चाहे भूतकाल हो, वर्तमान में हो या भविष्य में हो। 
नोटबंदी के संबंध में पूछे गए प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल व्यवस्थाएं बदल रही हैं और इलैक्ट्रोनिक माध्यम से लेन-देन किया जा रहा है चाहे, एटीएम मशीन हो, स्वाईप मशीन हो, बैंकों के माध्यम से हो, डेबिट कार्ड हो, क्रेडिट कार्ड हो, आरटीजीएस या मोबाइल के माध्यम से भी इलेक्ट्रोनिक लेन-देन को बढाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी के कारण भी सुविधाएं बढेगी। उन्होंने कहा कि अब कपंनियों ने भी स्वाईप मशीनों को बढ़ाना शुरू कर दिया है ताकि अधिक से अधिक से इलैक्ट्रोनिक लेन-देन हो सके। हालांकि नोटों को बना दिया गया है और अभी तक जो विषय सेवाओं का है तो उसमें कुछ सेवाएं 15 दिसंबर तक पुरानी करंसी नोटों के माध्यम से दी जाएगी तो कुछ सेवाओं को 30 नवंबर तक दिया जाएगा। 
राज्य में सीएलयू देने के संबंध में पूछे गए प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि सीएलयू देने के लिए जो प्रावधान हैं, उसके अनुसार सीएलयू देने की शक्ति ग्राम एवं आयोजना विभाग के निदेशक के पास हैं, परंतु पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वर्तमान सरकार और वर्तमान मुख्यमंत्री ने यह शक्ति पुन: निदेशक को दे दी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1991 में यह शक्ति मुख्यमंत्री को दी गई थी और वर्ष 1996 व वर्ष 2004 में इसे बदलने की बात आई थी लेकिन गत एक नवंबर, 2016 को यह शक्ति निदेशक को सौंप दी गई। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल में व्यवस्था परिवर्तन पर कार्य किया गया है और पारदर्शिता लाने पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को 89000 करोड़ रुपए का बजट हैं और दो वर्ष के कार्य से वे सतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक क्लिक के माध्यम से 32 हजार शिक्षकों के तबादले किए और भ्रष्ट्राचार पर नकेल कसी हैं। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से 93 प्रतिशत शिक्षक संतुष्ट हैं। इसी प्रकार एचसीएस के साक्षात्कारों में पूरी पारदर्शिता बरतते हुए मात्र चार घंटे मेें परिणाम को निकाल दिया, वहीं पुलिस की सिपाही की भर्तियों में भी पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए वृद्धावस्था पेंशन को बैंकों के माध्यम से देने का निर्णय लिया और अब पात्र लोगों की पेंशन बैंकों में उनकी खातों में पहुंच रही हैं, इलैक्ट्रोनिक प्रणाली का प्रयोग करने से अपात्र लोग, जो पेंशन ले रहे थे, उन पर नकेल लगी है। इसी प्रकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भी बायोमिट्रिक प्रणाली की शुरूआत करके पात्र लोगों को सामान का वितरण किया जा रहा है। 
क्रमंाक-2016 

नई दिल्ली, 26 नवंबर-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि 6 से 10 दिसम्बर, 2016 तक कुरुक्षेत्र में होने वाले प्रथम अंतरराष्टï्रीय गीता महोत्सव में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक मंत्रोच्चारण (ग्लोबल चांटिग) होगा और 18,000 विद्यार्थी एक साथ अष्टïादश श्लोकी गीता का उच्चारण करेंगें, जो एक विश्व रिकार्ड होगा।  इसके अलावा, देशभर के 574 जिलों में से कुरुक्षेत्र तक की यात्रा में अपने पारम्परिक परिधान पर लिखे श्लोक को प्रचारित करेंगें और अपने-अपने जिले की मिट्टïी लेकर आएंगे, जिससे श्री कृष्ण की प्रतिमा बनाई जाएगी, जो राष्टï्र की एकता एवं अखण्डता का प्रतीक होगी। 
मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधियों को प्रथम अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के संबंध में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रथम अंतरराष्टï्रीय गीता महोत्सव का भव्य आयोजन और महाभारत से सम्बद्घ कुछ अन्य स्थलों एवं प्राचीन कुरुक्षेत्र की पवित्र धरा पर शुभारंभ भारत के राष्टï्रपति श्री प्रणब मुखर्जी 6 दिसम्बर को प्रात: 11.30 बजे ब्रह्मïसरोवर पर करेंगे।
  इस महोत्सव में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए हम मोबाइल, एटीएम की भी सुविधा करने जा रहे हैं और महोत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों से अवगत करवाने के लिए एक मोबाइल एप्प शुरू किया गया है। 
उन्होंने बताया कि गीता के अमर संदेशों से समस्त विश्व को परिचित करवाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्टï्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर गीता जयंती के दिन 10 दिसम्बर, 2016 को भारतीय समय के अनुसार सायं 6 बजे से 6 बजकर  15 मिनट तक समस्त विश्व में गीता का सार 18 श्लोकी गीता का वैश्विक पाठ होगा।  मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पाठ दुनिया के 25 देशों में भारतीय समय अनुसार 6 बजे से 6 बजकर 15 मिनट तक एक साथ होगा। अमेरिका में यह पाठ चार स्थानों पर होगा, जिन देशों में यह पाठ होगा उनके नाम इस प्रकार हैं - भारत, आस्ट्रेलिया (कैनबरा), बहरीन, कनाडा (वैंकूवर), फ्रांस (पेरिस), हांग कांग, इण्डोनेशिया (जकार्ता), केनिया, कुवैत, मलेशिया, मॉरीशस, नेपाल, न्यूजीलैण्ड, फिलीपींस, पोलैण्ड, पुर्तगाल, कतर, सिंगापुर, दक्षिणी अफ्रीका, स्पैन, श्री लंका, स्विटजरलैण्ड, यूएई, इंग्लैण्ड, अमेरिका (कैलिफोर्निया, एरिजोना, शिकागो, न्यू यार्क)। 
उन्होंने कहा कि आगामी 7 दिसम्बर को 18,000 विद्यार्थी एक साथ अष्टïादश श्लोकी गीता का उच्चारण करेंगे। यह अपने आप में विश्व रिकार्ड होगा और इसे  गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज करवाया जाएगा। इसीदिन गीता की भावना पर एक सांस्कृतिक संध्या के आयोजन के अलावा राज्यस्तरीय गीता श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रीमद्भगवत गीता के 700 श्लोकों में से 574 श्लोक भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से निकले थे, इसलिए देशभर के 574 जिलों में से एक-एक युवा का श्लोक के प्रतिनिधि के रूप में चयन किया गया है। ये युवा अपने-अपने जिले से कुरुक्षेत्र तक की यात्रा में संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी एवं अपने प्रांतीय भाषा में अपने पारम्परिक परिधान पर लिखे श्लोक को प्रचारित करेंगे। ये युवा 6 दिसम्बर को कुरुक्षेत्र पहुंचेगे। भारत के विभिन्न जिलों से आए 574 प्रतिभागियों द्वारा राष्टï्रपति का स्वागत किया जाएगा। ये 574 प्रतिभागी अपने-अपने जिले की मिट्टïी लेकर आएंगे जिससे श्री कृष्ण की प्रतिमा बनाई जाएगी जो राष्टï्र की एकता एवं अखण्डता का प्रतीक होगी। ये प्रतिभागी कुरुक्षेत्र के ब्रह्मïसरोवर पर भव्य आरती भी करेंगे। शाम को भारत के प्रसिद्घ कलाकारों के नाटकीय प्रदर्शन दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। उन्होंने बताया कि महोत्सव के दौरान अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वक्ता भी अपना-अपना संदेश देंगें। इन वक्ताओं में अमेरिका के डा. डेविड फ्राले, स्टीफन नाप, डा. गुरूमूर्थि कालयानाराम, डा. रजनी गोयल, वियतनाम से डा. सू को थाओ ताम, कनाडा के टोंरटों से श्रीमती ऊषा रानी आयागारी और कनयाटा विश्वविद्यालय, नायरोबी, केन्या से प्रो. एम.के. जैन शामिल हैं। 
उन्होंने कहा कि यह भव्य उत्सव भगवद् गीता की जयन्ती का प्रतीक होगा तथा इसका आयोजन उस पवित्र भूमि पर किया जा रहा है, जहां भगवान श्री कृष्ण ने मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का दिव्य संदेश दिया था। यह दिव्य संदेश मार्गशीर्ष मास की शुक्ल एकादशी को दिया गया था। भारत में यह पर्व मोक्ष एकादशी के रूप में भी मनाया जाता है और इस वर्ष मोक्ष एकादशी 10 दिसम्बर को पड़ती है। अंतरराष्टï्रीय गीता महोत्सव दिव्य श्रीमद्भगवद् गीता, जो समय गुजरने के साथ अपनी मूर्त एवं अमूर्त विरासत से अमर हो गई है, को एक श्रद्घांजलि है। हरियाणा के स्वर्ण जयन्ती वर्ष में जिला स्तर एवं खंड स्तर पर गीता जयन्ती 3 से 5 दिसम्बर तक मनाई जा रही है। इसके लिए हर जिले को 10 लाख रुपये तथा हर खंड को 50,000 रुपये दिए गए है। इस भव्य आयोजन का मुख्य आकर्षण गीता पर एक अंतरराष्टï्रीय संगोष्ठïी होगी, जिसमें भारत एवं विदेशों से संत, मुनि, विद्वान, कलाकार, शिल्पकार तथा अन्य लोग भाग लेंगे। 
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसी दिन राष्टï्रपति कृष्णा सर्किट का शिलान्यास करेंगे। इसके अतिरिक्त, जिला कुरुक्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जाएगा और 10 दिसम्बर को गीता महोत्सव के दिन सायं 6 से 6.15 बजे तक ब्रह्मïसरोवर के तट पर वैश्विक गीता गान का कार्यक्रम होगा और इसके उपरांत जानी मानी अभिनेत्री हेमा मालिनी द्रोपदी नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगी। इसके अतिरिक्त, अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे जिनमें नृत्य मंडलियों के प्रदर्शन, विभिन्न कला शो तथा संगीत संध्याएं शामिल हैं। उत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र के पवित्र ब्रह्मïसरोवर के तट पर भव्य शिल्प मेले तथा सारस मेले का आयोजन भी किया जाएगा। 
उन्होंने बताया कि उत्सव के दौरान गीता की पवित्र भूमि का माहौल रंगारंग एवं सौंदर्य की दृष्टिï से आकर्षक और साथ ही बौद्घिक रूप से उद्वेलित करने वाला होगा। पवित्र सरोवरों में से एक ब्रह्मïसरोवर उत्सव के आर्कषण का केन्द्र होगा। सभी की नजरें पुरूषोत्तमपुरा बाग नामक इसके द्वीप पर विख्यात भारतीय शास्त्रीय कलाकारों, गायकों एवं नृतकों के साथ-साथ क्षेत्रीय लोक कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर टिकी होंगी। यह कार्यक्रम देशभर के शिल्पकारों को अपना कौशल प्रदर्शित करने के लिए एक मंच पर एकत्रित होने का अवसर भी प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह लोगों को भारतीय कला एवं शिल्प को व्यापक रूप से देखने का अवसर भी प्रदान करेगा। उत्सव के दौरान गीता पर प्रवचन एवं संगोष्ठïी भी आयोजित की जाएंगी। बच्चों को भी गीता और भारतीय संस्कृति से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा। 
मुख्यमंत्री ने बताया कि गीता जयन्ती की प्रासंगिकता लोगों में नैतिक एवं सांस्कृतिक पुनरुत्थान लाना है। यह आज और भी प्रासंगिक हो गई है, क्योंकि हम चुनौतीपूर्ण जीवन जी रहे हैं। सच्चाई के मार्ग पर चलने वाले  लोगों के लिए भगवद्गीता का आध्यात्मिक ज्ञान निरन्तर प्रकाशमान है। सदियों से विश्वभर से लाखों लोगों, विशेषकर हिन्दुओं ने आध्यात्मिक गुरुओं की शरण ली है और उन्हें भगवान के मधुर वचन सुनने से तृप्ति मिली है। हाल ही में, इस काव्य ने दुनियाभर से विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठïभूमि वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है और यदि किसी को गीता को एक विशिष्टï पहचान देनी हो तो वह सार्वभौमिकता की होगी। इसका संदेश उस समय को जीवंत करता है जिस समय यह संवाद हुआ। इसका आह्वïान दो मुख्य नायकों, जो इतिहास की इस अवधि में एक विशिष्टï धार्मिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठïभूमि से संबंधित हैं, से बहुत परे है। यह भी कहा जाता है कि इस की रचना उस समय हुई जब कई धार्मिक धाराएं एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रही थीं और इनमें ज्ञान या त्याग के मार्ग को महत्ता दी गई जबकि भक्ति जैसे अन्य मार्ग गौण हो गए।  
उन्होंने बताया कि इस दिव्य संदेश पर प्रकाश डालने के दृष्टिïगत आरंभ में धार्मिक संगठनों और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा केवल धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम ही आयोजित किए जाते थे लेकिन बाद में इस उत्सव में सामाजिक, सांस्कृतिक व शैक्षणिक कार्यक्रमों के शामिल होने के साथ इसका विस्तार हुआ। इस अवसर पर सामाजिक संगठन रक्तदान शिविर, डेंटलकेयर तथा नेत्र शिविर आदि आयोजित करते हैं। धार्मिक समितियां अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए परोपकारी लोगों को जुटाने की जिम्मेदारी लेती हैं। उत्सव के दौरान जयराम आश्रम में आयोजित एक सादे समारोह में विवाह योग्य गरीब युवक-युवतियों का विवाह करवाया जाता है। उत्सव का समापन एक भव्य शोभा यात्रा या भगवान श्री कृष्ण एवं महाभारत का चित्रण करने वाली रंगीन झांकियों के साथ होता है।
इस उत्सव का आयोजन वर्ष 1989 से कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, हरियाणा पर्यटन तथा लोक सम्पर्क, सांस्कृतिक मामले विभाग, कुरुक्षेत्र और  कुरुक्षेत्र शहर के धार्मिक एवं स्वैच्छिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी के साथ बड़े जोश एवं हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है। उत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र आने वाले पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों को इस ऐतिहासिक भूमि की अद्भुत विरासत को देखने का मौका मिलता है जो इस देश के गौरवशाली अतीत को दर्शाती है। 
सच्चाई के अवतार के रूप में भगवान श्री कृष्ण को उस समाज में सद्भावना एवं संतुलन साधना था, जहां रूढि़वाद और कलह ने आध्यात्मिक वास्तविकता को ढक लिया था। सच्चाई एक है लेकिन यह अपने आप को अनेक रूपों में प्रकट करती है और गीता इस एकात्मक दृष्टिïकोण का सूत्रपात है। इस काव्य की जड़े वेदों और उपनिषद परम्पराओं से गहराई से जुड़ी हुई हैं और जब तक इस तथ्य को पूर्ण रूप से नहीं समझा जाता तब तक कर्म के सार्वभौमिक स्वरूप की सही रूप से सराहना नहीं की जा सकती। यह एकता का एक शानदार संदेश है, जहां विरोधाभासी वचन भी स्वाभाविक रूप से मेल-मिलाप करते प्रतीक होते हैं। 
वर्ष 2002 में भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय ने सभी सातों क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों के सहयोग से गीता जयन्ती समारोह का भव्य आयोजन किया। भगवद् गीता  और महाभारत को भारतीय लोक साहित्य एवं सांस्कृतिक कला के आलोक में प्रस्तुत करने के मद्देनजर देश भर में विभिन्न लोक एवं सांस्कृतिक कला रूपों में प्रचलित महाभारत को प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अलावा, संस्कृति एवं पर्यटन विभागों ने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किए एवं उनमें भागीदारी की। 
वर्ष 2015 में गीता जयन्ती उत्सव का आयोजन दोबारा राष्टï्रीय स्तर पर किया गया जिसका शुभारंभ 1100 स्कूली छात्रों द्वारा सम्पूर्ण भगवद्गीता के पाठ के साथ हुआ। लगभग 11,000 विद्यार्थियों ने गीता जयन्ती के दिन ब्रह्मïसरोवर पर अष्टïादश श्लोकी गीता का पाठ किया। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गीता विषय पर एक राष्टï्रीय स्तर की संगोष्ठïी का आयोजन किया गया जिसमें भारत के विभिन्न हिस्सों से विद्वानों ने भाग लिया। उत्सव के दौरान पहली बार गीता पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम शुरू किया गया। समापन दिवस पर ‘गीता ऑन दी व्हील्स’ की सांस्कृतिक प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया।  
कुरुक्षेत्र विश्व प्रसिद्घ महाभारत की रणभूमि के रूप में प्रसिद्घ है, जहां अच्छाई और बुराई के प्रतीक दो बिल्कुल विपरीत एवं विरोधाभासी बलों के बीच युद्घ लड़ा गया। आखिरकार कुरुक्षेत्र की पवित्र धरा पर इस युद्घ में धर्मपरायण ताकतें विजयी हुई और बुराई का नाश हुआ। धर्म युद्घ की पृष्ठïभूमि के बीच दिव्य गीत भगवद्गीता का जन्म हुआ जोकि अर्जुन की सांसारिक अज्ञानता को दूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण के मुखारविन्द से प्रवाहित हुआ, जिसने उन्हें ज्ञान, बुद्घि और प्रकाश की दुनियां में प्रवेश करने में सक्षम बनाया। 
भौतिकवाद और अध्यात्मवाद की दो शक्तिशाली धाराओं को एक साथ लाते हुए दिव्य गीत भगवद्गीता में एक बीच का रास्ता है जो एक सुखी एवं समृद्घ दुनिया के लिए व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्तर पर मानव ऊर्जा के विकास को सम्बोधित है। 
क्रमंाक-2016
नई दिल्ली, 26 नवंबर-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रथम अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान 97.35 करोड़ रुपए की राशि से तैयार होने वाले कृष्णा सर्किट का शिलान्यास राष्टï्रपति श्री प्रणब मुखर्जी करेंगे। इसके अतिरिक्त, जिला कुरुक्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधियों को प्रथम अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के संबंध में जानकारी दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने हरियाणा सरकार की कुरुक्षेत्र और महाभारत से जुड़े क्षेत्रों के व्यापक सौंदर्यकरण की महत्त्वाकांक्षी परियोजना स्वीकृत कर दी है और इस परियोजना की कुल लगभग 97.35 करोड़ रुपये की राशि में से 20 प्रतिशत राशि की पहली किस्त जारी कर दी है। इस परियोजना के तहत कार्य पहले ही शुरू हो चुका है और यह कुरुक्षेत्र की पावन धरा को अंतरराष्टï्रीय पर्यटक मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। 
स्वदेश दर्शन योजना के तहत चिह्निïत कृष्णा सर्किट के अंतर्गत कुरुक्षेत्र का विकास अनुमोदित किया गया है। कुरुक्षेत्र भूभाग में महाभारत सहित भगवान श्री कृष्ण के जीवन की घटनाओं से जुड़े स्थलों एवं विषय के साथ एक टूरिस्ट सर्किट की पहचान की गई है। राज्य पर्यटन नोडल एजेंसियों और क्षेत्रीय सक्षम एजेंसियों के साथ गहन अनुसंधान एवं विचार-विर्मश करने के उपरांत विकसित किए जाने वाले स्थलों की पहचान एवं छंटनी की गई है। कृष्णा सर्किट के तहत निम्र स्थलों का चयन किया गया है : 
ज्योतिसर 
महाभारत युद्घ पर आधारित एक थीम पार्क परिसर स्थापित करने की योजना है। यह महाभारत युद्घ के मूल 48 कोस क्षेत्र, जैसा कि वेदों में उल्लेख है, की प्रतिकृति होगा। महाभारत थीम पार्क भवन परिसर के भीतर आधुनिक प्रौद्योगिकियों का प्रयोग करके मुख्य घटना-स्थलों पर प्रकाश डाला जाएगा। चूंकि केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय थीम पार्क परिसर में केवल सिविल कार्यों के लिए ही वित्त उपलब्ध करवा रहा है, इसलिए राज्य पर्यटन विभाग ने विराट स्वरूप के लिए आबंटित राशि के अतिरिक्त राज्य योजनागत बजट में 25 से 30 करोड़ रुपये के आबंटन की मांग की है। थीम पार्क प्रस्ताव में सरस्वती नदी तत्व को भी लघु रूप में शामिल किया गया है जो महाभारत युद्घ के दौरान सरस्वती नदी के महत्व पर प्रकाश डालता  है। कुल प्रस्तावित निवेश लगभग 33.85 करोड़ रुपये है। 
ब्रह्मï सरोवर 
ब्रह्मï सरोवर के सौंदर्य एवं कलात्मकता को बढ़ाने के लिए सरोवर के सभी खुले स्थलों का सौंदर्यकरण किया जाएगा। अभिमन्यु घाट के निकट खुले स्थल पर महाभारत युद्घ की विभिन्न संरचनाओं पर प्रकाश डालने के लिए एक थीम पार्क का सृजन किया जाएगा। मेला मैदान के सौंदर्यकरण की भी योजना है। पार्किंग सुविधा, झील के आगे के हिस्से को विकसित करने तथा सरोवर पर प्रकाश व्यवस्था करने के साथ-साथ एक मल्टीमीडिया शो भी प्रस्तावित है। सरोवर के आकार को ध्यान में रखते हुए एक 50 मीटर ऊंचे मल्टीमीडिया शो की योजना बनाई गई है। यह अपनी तरह का पहला शो होगा। कुल प्रस्तावित निवेश लगभग 28.46 करोड़ रुपये है। 
सन्निहित सरोवर 
लोटस पोंड क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बनाने तथा इस हिस्से में पर्यटक सुविधाएं विकसित करने के लिए इसे पुन: डिजाइन किया गया है। पर्यटक सुविधाएं बढ़ाने के लिए लोटस पोंड क्षेत्र में एक केफेटेरिया प्रस्तावित है। गंतव्य स्थलों की जानकारी देने और अति व्यस्त समय में दबाव को कम करने के लिए सुविधाएं बढ़ाने के उद्देश्य से पर्यटक आगमन केन्द्र स्थापित किया जाएगा। सभी स्नानघाटों को सुधार कर वहां लॉकर सुविधा और वस्त्र बदलने के लिए कमरों की व्यवस्था की गई है। पर्यटकों की सुरक्षा एवं आराम के लिए पार्कों में बैठने के लिए बैंचों, पार्कों के सौंदर्यकरण तथा प्रकाश व्यवस्था जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाना प्रस्तावित है। कुल प्रस्तावित निवेश लगभग 8.08 करोड़ रुपये है। 
अमीन कुंड 
इस परियोजना में सडक़ कार्य, चारदीवारी को सुधारने एवं द्वार बनाने का कार्य शामिल है। स्नान घाटों पर स्वच्छता तथा पर्यटकों का एकांत सुनिश्चित करने के लिए चारदीवारी के पुनर्निर्माण एवं रि-डिजाइन की योजना है। इससे अमीन कुंड की सुरक्षा, सौंदर्य एवं आकर्षण भी बढ़ेगा। प्रवेश द्वारों को रि-डिजाइन किया जाएगा और बेहतर पहुंच, नियंत्रण एवं सुरक्षा के लिए एक वृहत्  प्रवेश प्लाजा का निर्माण किया जाएगा। इस प्लाजा में टिकट काउंटर, पर्यटक सूचना केन्द्र, नियंत्रण कक्ष और सुरक्षा कक्ष होगा। अभिमन्यु की मृत्यु की घटना को दर्शाने के लिए वर्तमान सरोवर के साथ एक चक्रव्यूह के निर्माण की योजना है। इससे अमीन को एक मुख्य महाभारत पर्यटक गंतव्य स्थल के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। कुल प्रस्तावित निवेश लगभग 7.38 करोड़ रुपये है। 
भीष्म कुंड नरकातारी
परियोजना में सडक़ों, चारदीवारी और फ्लोरिंग को सुधारना और द्वारों का पुनर्निर्माण शामिल है। स्वच्छता तथा पर्यटकों का एकांत सुनिश्चित करने के लिए चारदीवारी के पुनर्निर्माण एवं रि-डिजाइन की योजना है। भीष्म पितामह की मृत्यु की घटना को जीवंत बनाने के लिए भीष्म कुंड के साथ भीष्म पितामह शय्या के सृजन की योजना है। भीष्म शय्या के सामने एक फव्वारे के निर्माण की भी योजना है। कुल प्रस्तावित निवेश लगभग 2.39 करोड़ रुपये है।
परियोजना लागत का सारांश 
परियोजना लागत हरियाणा दर अनुसूची - 1988 (पुन: मुद्रण - 2014) तथा बाजार कोट्स के आधार पर अनुमानित है :-  
क्रम संख्या कार्य का नाम लागत (रुपये में) लाख रुपये में
1 नगर अवसंरचना का विकास 5,99,69,551.74 599.70
2 सन्निहित सरोवर का विकास 8,07,59,256.84 807.59
3 अमीन कुंड का विकास 7,38,41,144.45 738.41
4 नरकातारी का विकास 2,38,73,047.03 238.73
5 ब्रह्मï सरोवर का विकास 28,46,19,766.71 2846.20
6 ज्योतिसर का विकास 33,85,13,663.50 3385.14
7 उप जोड़(1+2+3+4+5+6) 86,15,76,430.27 8615.76
8 प्रतिभूति, आईसीटी और वाईफाई खर्च 10 प्रतिशत की दर से  8,61,57,643.03 861.58
9 जोड़ (7+8) 94,77,34,073.29 9477.34
10 फुटकर खर्च 3 प्रतिशत की दर से  2,84,32,022.20 284.32
11  वास्तुकला परामर्श शुल्क दो प्रतिशत की दर से  1,89,54,681.47 189.55
12 जोड़ (9+10+11) 99,51,20,776.96 9951.21

कार्यों के निरीक्षण के लिए दो कमेटियां अर्थात प्रबंध निदेशक, हरियाणा पर्यटन निगम की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी और उपायुक्त कुरुक्षेत्र की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी गठित की गई हैं। 
स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना 
स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना और कैलाश मानसरोवर यात्रा योजना के तहत प्रत्येक योजना में हरियाणा के स्थायी निवासियों को अधिकतम 50 व्यक्तियों तक प्रति व्यक्ति 6,000 रुपये या वास्तविक खर्च के 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, के बराबर वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। श्रद्घालु को राज्य या केन्द्र सरकार या सोसायटी के माध्यम से यह यात्रा पूरी करनी होगी। इन दोनों योजनाओं के लिए वर्ष 2016-17 के दौरान क्रमश: 10 लाख रुपये और  15 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। 
स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना के तहत श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा (नंदेड़ साहिब), श्री ननकाना साहिब, श्री हेमकुंड साहिब और श्री पटना साहिब के दर्शन शामिल हैं।
कुरुक्षेत्र का अभूतपूर्व विकास
कुरुक्षेत्र के ऐतिहासिक, पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्त्व को देखते हुए कुरुक्षेत्र को महापर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। 
केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कुरुक्षेत्र में पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर को विश्व स्तरीय विकसित करने के लिए कृष्णा सर्किट के तहत लगभग 100 करोड़ रुपये के राज्य सरकार के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। 
राज्य सरकार ने विकास के लिए कुरुक्षेत्र शहर सहित पांच महत्त्वपूर्ण स्थलों नामत: सन्निहित सरोवर, अमीन कु ण्ड, नरकातारी, ब्रह्मसरोवर एवं ज्योतिसर का चयन किया गया है। 
ज्योतिसर परियोजना पर 33 करोड़ 85 लाख रुपये, ब्रह्मïसरोवर परियोजना पर 28 करोड़ 46 लाख रुपये, सन्निहित सरोवर परियोजना पर 8 करोड़ 8 लाख रुपये, अमीन कुण्ड परियोजना पर 7 करोड़ 38 लाख रुपये और भीष्मकुण्ड नरकातारी परियोजना पर 2 करोड़ 39 लाख रुपये खर्च होंगे। 
इन अभिनव परियोजनाओं में श्रीमदभगवद् गीता और महाभारत के विभिन्न विषयों पर आधारित एक ‘थ्री-डी’ मल्टीमीडिया शो, भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की स्थापना और महाभारत युद्घ के 48 कोस के वास्तविक क्षेत्र को दर्शाने वाले थीम पार्क कॉम्पलैक्स को शािमल किया गया है।
राज्य सरकार कुरूक्षेत्र के तीर्थ स्थलों सहित प्रदेश की सभी सांस्कृतिक धरोहरों, सभी धर्मों के तीर्थ स्थलों और ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित करने पर बल दे रही है। 
क्रमंाक-2016

नई दिल्ली, 26 नवंबर-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अगुवाई में प्रदेश का सर्वदलीय दल आगामी 28 नवंबर को सायं 6 बजे राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल)नहर के मुद्दे पर सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के संबंध में मिलेगा और उन्हें इस निर्णय को लागू करवाने के लिए आग्रह करेगा। 
उन्होंने आज नई दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर पर सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा हरियाणा के हित में दिए गए निर्णय को क्रियान्वित करवाने के लिए राज्य सरकार ने राष्ट्रपति से समय मांगा था। 
उन्होंने कहा कि हाल ही में चण्डीगढ में उनकी अगुवाई में आयोजित की गई सर्वदलीय बैठक में हरियाणा के हित में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय को लागू करवाने के लिए सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था। 
क्रमंाक-2016 

Competitiveness, climate, security Finn’s priorities Ministry of Finance release Finnish road map of EU presidency. Finland i...