Monday, August 6, 2012

टीम अन्ना का कार्य समाप्त हो गया है

टीम अन्ना का कार्य समाप्त हो गया है

जनलोकपाल कानून सरकार बनाने के लिए राजी नहीं है। कहां तक बार-बार अनशन करते रहोगे। अब अनशन छोड़ो और देश की जनता को विकल्प दे दो। यह मांग जनता से बढ़ती गई। मैंने भी सोचा आज की सरकार से देश का भ्रष्टाचार कम नहीं हो सकता। कारण, सरकार की मंशा ही नहीं है। जनलोकपाल कानून से भ्रष्टाचार दूर होगा। यह देशवासियों की आशा थी। लेकिन डेढ साल बीत गए। बार-बार जनता ने आंदोलन करने के बाद भी सरकार जनलोकपाल कानून लाने को तैयार नहीं। अच्छे लोगों को खोज करके जनता को विकल्प देना। यह अच्छा रास्ता है। ऐसा मुझे लगा। लेकिन होगा कैसे? यह मेरे सामने प्रश्न है।
मुझे विकल्प देने की बात करने वाले लोगों के सामने जंतर मंतर पर खुलेआम मैंने एक प्रश्न खड़ा किया। आप विकल्प की बात करते हैं। मैं देशभर में दौरे करूंगा। लोगों को जागरूक करूंगा अच्छे सदाचारी, राष्ट्रीय दृष्टिकोण है, सामाजिक दृष्टिकोण है, सेवा भाव है ऐसे लोग संसद में नहीं जाएंगे तब तक बदलाव नहीं आएगा। यह बात मुझे मंजूर है लेकिन-
1. ऐसे लोगों की खोज करने का तरीका क्या होगा?
2. विकल्प देने के लिए पार्टी बनानी होगी। उस पार्टी बनाते समय पार्टी सदस्य चुनने का तरीका क्या होगा?
3. आज अधिकांश पार्टी बोर्ड लगाती हैं। सभासद नोदनी (रजिस्ट्रेशन) का काम चालू है। भ्रष्टाचारी हो, गुंडा हो, व्यभाचारी हो, लूटारू हो इनको न देखते हुए भी सभासद बनाती है। इस प्रकार के सभासद बनाए तो इस आंदोलन का क्या होगा?
4. मैं खुद कोई पक्ष-पार्टी में नहीं बनाऊंगा। मैं चुनाव नहीं लडूंगा। लेकिन जनता के सामने विकल्प देने के लिए जरूर प्रयास करूंगा।
5. आज एक चुनाव के लिए 10 से 15 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्चा होता है। देश को विकल्प देने के लिए इतना पैसा कहां से लाएंगे?
6. चुनाव में चुनकर आने के बाद उनकी बुद्धि का पालट हो गया तो क्या विकल्प है? कारण, जनता चुनकर देते समय अच्छा उम्मीदवार है यह समझकर ही चुनकर देती है। लेकिन कुर्सी का गुण-धर्म है कि कई लोगों की बुद्धि पलट जाती है और स्वार्थ के कारण वह भ्रष्टाचार करने लगते है। जैसे आज कई पार्टियों में दिखाई दे रहा है। उसके बारे में क्या सोच है? ऐसे लोगों की मानटरिंग करने का तरीका क्या है?
7. आज पकृति और मानवता का दोहन हो रहा है और सरकार उसे नहीं रोक रही। यह देश के लिए बड़ा खतरा है। क्या विकल्प होगा?
8. जंतर मंतर पर जो हजारों लोग आए थे उनको टीम ने पूछा कि विकल्प देना चाहिए या नहीं और सभी ने हाथ ऊपर उठाए। ये अच्छी बात है। लेकिन सिर्फ जंतर मंतर देश नहीं है। देश बहुत बड़ा है। उनकी भी राय लेना जरूरी है। मेरी अपेक्षा है। देश में 6 लाख गांव हैं। इन सभी गांव की ग्रामसभा की ग्रामसभाओं ने अपना सुझाव पारित करना है कि हम विकल्प मांगते है। इसलिए हमारी ग्रामसभा का सुझाव आपको भेजते हैं कि संसद में अच्छे लोग जाए इस बात से हमारी सहमति है। ग्रामसभा संभव नहीं है वहां पर व्यक्ति ने फार्म पर हस्ताक्षर करके कहने है कि हम विकल्प के लिए तैयार है।
9. जिस प्रकार गांव में ग्रामसभा का सुझाव होगा उसी प्रकार नगर परिषद्, नगरपालिका, महापालिका में वार्ड सभा और मोहल्ला सभा का भी सुझाव करना होगा। तब स्पष्ट होगा कि लोकसभा में अच्छे लोगों को भेजने की जनता की तैयारी है।
ऐसा होता है तो मैं अगले डेढ साल देश में सफर करूंगा। और देशवासियों को जगाऊंगा। और जनता से ही अपील करूंगा कि लोकसभा में भेजने के लिए चारित्रशील उम्मीदवार की खोज करो। खोज होने के बाद उनका सेवा भाव, चरित्र, राष्ट्र प्रेम, उनका कार्य उसकी मानटरिंग के लिए हमारे कार्यकर्ता जाएगे। उनकी जांच करेंगे। उसके बाद चयन होगा। मैंने महाराष्ट्र में यह प्रयोग किया है। विधानसभा के 12 लोग मैंने चुने थे। उसमें से 8 लोग चुनकर आए थे।
मैंने संसद में अच्छा उम्मीदवार भेजने का विकल्प देने की बात करते ही कई लोगों ने घोषणा की कि अन्ना ज़ीरो बन गए। मैं तो पहले से ही ज़ीरो हूं, मंदिर में रहता हूं, न धन न दौलत, न कोई पद, अभी भी ज़मीन पर बैठकर सादी सब्जी-रोटी खाता हूं। पहले से ही ज़ीरो है और आखिर तक ज़ीरो रहूंगा। जो पहले से ज़ीरो है उसको ज़ीरो क्या बनाएगे? जिसको कहना है वो कहता रहे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। आजतक 25 साल में मेरी बदनामी करने के लिए कम से कम 5 किताबें लिखी गई। कई अखबार वालों ने बदनामी के लिए अग्रलेख (संपादकीय) लिखे है। लेकिन फक़ीर आदमी की फक़ीरी कम नहीं हुई। इस फक़ीरी का आंनद कितना होता है? यह बदनामी करने वाले लोगों को फक़ीर बनना पड़ेगा तक समझ में आएगा। एक बात अच्छी हुई की जितनी मेरी निंदा हुई। उतनी ही जनता और देश की सेवा करने की शक्ति बढ़ी। आज 75 साल की उम्र में भी उतना ही उत्साह है। जितना 35 साल पहले काम करते वक्त था। देश का भ्रष्टाचार कम करने के लिए जनलोकपाल कानून बनवाने के लिए कई बार आंदोलन हुए। 4 बार अनशन हुए। लेकिन सरकार मानने के लिए तैयार नहीं इसलिए टीम ने निर्णय लिया अनशन रोककर विकल्प देना पड़ेगा।
सरकार से जनलोकपाल की मांग का आंदोलन रुक गया लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। पहले सरकार से जनलोकपाल कानून की मांग करते रहे। सरकार नहीं करती इसलिए जनता से ही अच्छे लोग चुनकर संसद में भेजना और जनलोकपाल बनाने का आंदोलन शुरू करने का निर्णय हो गया। अगर जनता ने पीछे डेढ साल से साथ दिया, वह कायम रहा तो जनता के चुने हुए चरित्रशील लोग संसद में भेजेगे। और जनलोकपाल, राइट टू रिजेक्ट, ग्रामसभा को अधिकार, राइट टू रिकॉल जैसे कानून बनवाएंगे। और आने वाले 5 साल में भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण पक्ष और पार्टी से नहीं जन सहभाग से करेंगे। 2014 का चुनाव भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने के लिए जनता के लिए आखिरी मौका है। इस चुनाव के बाद फिर से ऐसा मौका मिलना मुश्किल है। कारण, इस वक्त देश जाग गया है। अभी नहीं तो कभी नहीं। मैंने बार-बार बताया है कि मेरा जीवन समाज और देश सेवा में अर्पण किया है। इस वक्त जनता का साथ नहीं मिला तो नुकसान अन्ना का नहीं जनता का होगा। अन्ना तो एक फक़ीर है और मरते दम तक वो फक़ीर ही रहेगा। मैंने अच्छे लोग चुनकर संसद में भेजने का विकल्प दिया है। लेकिन मैं पक्ष-पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा। चुनाव भी नहीं लडूंगा। जनता को जनलोकपाल का कानून देकर मैं महाराष्ट्र में अपने कार्य में फिर से लगूंगा। पार्टी निकालने वाले लोगों को भी मैंने बताया है। पार्टी बनाने के बाद भी यह आंदोलन ही रहे। पहले आंदोलन में सरकार से जनलोकपाल कानून मांग रहे थे। अब आंदोलन जारी रखते हुए जनता के सहयोग से अच्छे लोगों को चुनाव में खड़ा करके संसद में भेजो और कानून बनाओ। दिल और दिमाग में सत्ता न रहे, राज कारण न रहे, यह देश की देशवासियों की सेवा समझकर करो। अगर सत्ता और पैसा दिमाग में आ गया तो दुसरी पक्ष-पार्टी और अपनी पार्टी में कोई फर्क नहीं रहेगा। जिस दिन मुझे दिखाई देगा कि देश की समाज की सेवा दूर गई और सिर्फ सत्ता और पैसा का प्रयास हो रहा है। उसी दिन मैं रुक जाऊंगा। आगे नहीं बढूंगा। क्योंकि मैंने समाज और देश की भलाई के लिए विकल्प देने का सोचा है। मेरा जीवन उन्हीं की भलाई के लिए है।
आज टीम अन्ना का कार्य हम लोगों ने समाप्त किया है। जनलोकपाल के कार्य के लिए टीम अन्ना बना गई थी। सरकार से संबंध् नहीं रखने का निर्णय लिया है। इस कारण आज से टीम अन्ना नाम से चला हुआ कार्य समाप्त हो गया है और अब टीम अन्ना समिति भी समाप्त हुई है।
भवदीय,
कि. बा. उपनाम अण्णा हज़ारे
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The government on Monday said it will converge the MNREGA and other schemes to meet the challenges of drought-like situation in several states and enhance imports of commodities in short-supply to control price rise.

Terming the poor monsoon so far as "unfortunate", Finance Minister P Chidambaram said the contingency plans are in place to help farmers replant alternate crops as well as supply drinking water and fodder.
"Unfortunately, the south-west monsoon has been below expectations. Drought-like conditions have been reported from several states," he told reporters in New Delhi.
Monsoon is the life-line of the agriculture sector as only 40 per cent of the cultivable area is irrigated.
Rain has been 20 per cent lower during June-July, affecting kharif crops mainly coarse cereals and pulses.
Karnataka, Gujarat, Maharashtra and Rajasthan are facing drought-like situation.
"MGNREGA (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) and other schemes will be converged to meet the challenge of drought," Chidambaram said.
Last week, an empowered group of ministers (EGoM) on drought had approved diesel subsidy of 50 per cent to farmers for saving standing crops and about Rs 2,000 crore package for states affected by drought-like situation.

Uttarakhand floods toll rises to 34

Uttarakhand floods toll rises to 34; ITBP, police search for bodies
ITBP and police personnel on Sunday searched debris of flattened homes and dug rubbles to look for more bodies in rain-ravaged Uttarakhand where the toll due to the incessant downpour reached 34.
 
 Six people were still missing in the Uttarkashi district, said a top government official.  "In Uttarakashi alone, 31 people have been killed and six are still missing following heavy rains," District Magistrate R Rajesh Kumar said.  Twenty three workers of the state-run UJVN Ltd’s Assi Ganga hydel project, who went missing early Saturday following a cloud burst in the upper hills of Uttarkashi district, have now been declared dead.  "We are now counting these 23 workers in the list of dead people," said Kumar.  
 
During the past two days, incessant rains battered the hill state triggering landslides, cloud bursts and flash floods which flattened homes and stranded hundreds of pilgrims with the chardham yatra coming to a grinding halt.  The Garhwal region bore the brunt of the natural disaster in the wake of heavy rains with the government sounding a high alert in the state.  The Army has also been alerted in the wake of the heavy rains in the hill state.  Elsewhere in the state, three people were killed in Chamoli district following heavy rains since Saturday.  The government has launched relief and rescue operations and has sent food packets to the affected people.  Nearly, 250 families have already been taken to safer areas in the different areas of Uttarkashi and Chamoli districts.  Kumar said only six people are now missing from different parts of the district. "We have launched a manhunt to trace the missing people," he said.  Efforts were on to reopen blocked highways leading to chardham yatra as scores of pilgrims were still stranded at various places at Uttarkashi, Rudraprayag and Chamoli districts.  
 
The landslides are common in the fragile hills of Garhwal region causing disruption of roads which in turn often cause road accidents leading to fatalities.  Last year, the government had suspended the chardham yatra all the four shrines Badrinath, Kedarnath, Gangotri and Yamunotri following heavy landslides and torrential rains for nearly one week.  Meanwhile, chief minister Vijay Bahuguna was monitoring the situation and held a meeting with chief secretary Alok Kumar Jain to discuss the latest situation.  The CM asked the concerned authorities to speed up rescue and relief operation in the disaster—hit areas.  The CM also asked the concerned officers to reopen roads leading to the pilgrim shrines so that the stranded pilgrims can go home.  Official sources said the chief minister would shortly visit the rain-hit areas of the state to take stock of the situation




Turkey's security forces have killed as many as 115 Kurdish rebels during a major security offensive over the past two weeks, the country's interior minister said.

Idris Naim Sahin on Sunday said the rebels were killed in an airpower backed offensive near the town of Semdinli, in Hakkari province which sits on the border with Iraq. He said the offensive began on 23rd July.
Sahin provided few other details on the ongoing operation but said the security forces were trying to block the rebels' escape routes into northern Iraq.
Private NTV television said earlier that as many as 2,000 troops were taking part in the offensive and that public access to some roads in the area were blocked.
Earlier in the day, Kurdish rebels raided three military posts in simultaneous attacks in Hakkari, sparking a clash at one paramilitary outpost that left six soldiers and 14 rebels dead. Two government-paid village guards assisting the Turkish military were also killed.
The rebels fired on military posts in Hakkari province that borders Iraq, including the paramilitary station near the village of Gecimli, some 20 kilometers from the frontier, according to a statement from the Hakkari governor's office.
Gov Orhan Alimoglu said the attack near Gecimli triggered clashes that claimed the lives of 22 rebels, soldiers and village guards.
At least 15 soldiers, another village guard and five civilians were also injured in the attack. There were no reports of any casualties in the attacks on the other posts.
The attack comes some six weeks after a similar raid on a military unit, also in Hakkari province, killed 18 rebels and eight soldiers, prompting Turkey's military to send warplanes and attack helicopters to hit Kurdish rebel targets inside Iraq.
The rebels of the Kurdistan Workers' Party, or PKK, are fighting for autonomy in Turkey's Kurdish-dominated southeast region and maintain bases in northern Iraq from where they launch hit-and-run attacks on Turkish targets.
The conflict between the PKK and Turkish government forces has killed tens of thousands of people since the rebels took up arms in 1984.
The group is considered a terrorist organisation by the United States and the European Union.
Turkey has raised concerns that Kurdish rebels could now also exploit a power vacuum in neighbouring Syria and warned it would "not tolerate" any rebel threats from the Syrian territory.

A gunman opened fire inside a Gurudwara in Wisconsin during congregation  preparation  for Sunday morning prayers, killing at least six people.
This tragic incident unfolded at around 10:30 pm on Sunday as members of the Sikh community were gathering in the 17,000 sq ft Gurudwara in Milwaukee's Oak Creek suburb.
The unidentified gunman walked into the Gurudwara where he opened indiscriminate firing, killing six people.The gunman was also shot and killed by a police officer who also sustained serious injuries. Police said there were a large number of women and children and the women were preparing meals to be served after the traditional prayer ceremony.
Oak Creek Police Chief John Edwards said the police is "treating the incident as a domestic terrorist-type incident."
The FBI will oversee the criminal investigation. Edwards said there were "numerous individual deceased" and "multiple injured."

President Barack Obama offered his condolences to the victims of the shooting and said that his Administration will provide whatever support is necessary to the officials who are responding to this tragic shooting and moving forward with an investigation.
"Michelle and I were deeply saddened to learn of the shooting that tragically took so many lives in Wisconsin, Obama said in a statement.
"As we mourn this loss which took place at a house of worship, we are reminded how much our country has been enriched by Sikhs, who are a part of our broader American family," Obama said.
FBI Milwaukee Special Agent in Charge Teresa Carlson said the agency is working closely with the Oak Creek Police Department and other local and federal agencies to investigate the shooting incident.

Competitiveness, climate, security Finn’s priorities Ministry of Finance release Finnish road map of EU presidency. Finland i...