हिन्दुओं (ओबीसी) का निबाला छीन कर
मुसलमानों को देना अस्वीकार्य:विहिप
(सांप्रदायिक आधार पर देश विभाजन के षडयंत्र के विरुद्ध विहिप
दिल्ली ने कमर )
नई दिल्ली जनवरी 01, 2012। केन्द्र की
यूपीए सरकार द्वारा हाल ही में घोषित अल्पसंख्यक आरक्षण को सिरे से खारिज करते हुए
विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री श्री चंपत राय ने इसे हिन्दुओं
(विशेषकर ओबीसी वर्ग) का निवाला छीन कर मुसलमान व ईसाइयों को देने वाला बताया है।
इसके अलावा राष्ट्रीय सलाहकार समिति द्वारा प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम
विधेयक को देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने वाले काला कानून की संज्ञा देते हुए
इसके खिलाफ़ समस्त देश भक्तों से एक जुट होने का अव्हान किया। विहिप दिल्ली के
वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने इन दोंनों विषयों पर व्यापक जन
आन्दोलन चलाने की घोषणा की।
विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख विनोद
बंसल ने बताया कि उत्तरी दिल्ली के तरुण एन्कलेव स्थित श्री राधा क्रष्ण मन्दिर
में पूरे दिन चली बैठकों में विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली के कोने कोने से आए पदाधिकारियों
ने भाग लिया। उपस्थित पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार के प्रस्तावित सांप्रदायिक
एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक 2011, धर्माधारित आरक्षण, चीन द्वारा भारत के
आर्थिक व सामरिक केन्द्रों पर अतिक्रमण तथा हिन्दू मानबिन्दुओं पर लगातार हो रहे
हमलों को विरुद्द आवाज बुलन्द की। इसके अलावा विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली ने रूसी
न्यायालय द्वारी श्री मद भागवद् गीता पर प्रतिबन्ध सम्बन्धी याचिका के खारिज किए
जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्वभर के समस्त हिन्दू द्रोहियों को चेतावनी देते
हुए आगाह किया है कि वे बार-बार हिन्दू मानविन्दुओं के अपमान से बाज आएं।
इस अवसर पर विहिप दिल्ली के अध्यक्ष
श्री स्वदेश पाल गुप्ता, उपाध्यक्ष सरदार उजागर सिंह, श्री महावीर प्रसाद व श्री
अम्रत लाल शर्मा, महामन्त्री श्री सत्येन्द्र मोहन, संगठन मंत्री श्री करुणा
प्रसाद, बजरंग दल सह संयोजक श्री शिव कुमार, मात्र शक्ति सह संयोजिका श्रीमती
सिम्मी आहूजा, दुर्गा वाहिनी संयोजिका कु अन्जलि सहित दिल्ली भर के लगभग 300
कार्यकर्ता सामिल थे।
भवदीय
विनोद बंसल
(मीडिया प्रमुख)
विश्व हिन्दू परिषद – दिल्ली संपर्क:-9810949109


CEC suggest Constitutional amendment to protect ECs from any pressure.
Chief Election Commissioner S Y Quraishi has said, there is need for a
Constitutional amendment to give protection to the Election
Commissioners, ECs, so that they are not under any pressure.
He also favoured automatic elevation of the senior-most EC to the post of
Chief Election Commissioner, CEC. Mr. Quraishi told PTI in an interview
that the two ECs who do not enjoy Constitutional protection under the
law, be given the status as they should not feel they are on probation.
The CEC said, he would be writing to the government on the issue.
