Wednesday, May 29, 2013

महानगरों का विकास मानवता को विनास की तरफ ले जा रही है - शंकराचार्य

नई दिल्ली, 27 मई। गंगा को विलुप्त करने में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनो की भूमिका एक तरह की है। क्योंकि ये दोनो ही दल आज भारत के शासनतंत्र के केन्द्र में हैं। बाकी क्षेत्रीय दल तो इनके पीछे चलने वाले हैं। गंगा की जो दुर्दशा है उसके लिए ये दोनो दल जिम्मेदार हैं। गंगा ही नही और नदियां भी दुर्दशा की  शिकार हैं। किसी भी नदी से अगर जल निकाल लिया जाए तो उसका मरना तय है। क्योंकि जल नदियों के लिए रक्त की तरह है। ये बातें गोवर्धनमठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने दिल्ली के कांन्सट्शन क्लब में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। निश्चलानंद सरस्वती ने भारत में दो तरह के धर्मांतरण की भी चर्चा की। देश में एक घोषित धर्मांतरण हो रहा है और दूसरा अघोषित धर्मातरण हो रहा है। घोषित धर्मांतरण वो है जो लालच देकर करवाया जाता है। अघोषित धर्मांतरण वो है जो मैकाले की शिक्षा से हो रहा है। कहने को तो हम भारतीय रहेंगे लेकिन व्यवहारिक रूप से हमारी आने वाली पीढी धर्मांतरित हो चुकी होगी। उन्होने संविधान और शासन तंत्र पर भी सवाल उठाया। पूरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहाकि विश्व को हमने अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र और विज्ञान शास्त्र दिया फिर भी हमें अपने मुताबिक संविधान और शासनतंत्र सुलभ नही है। आज के विकास को भी पूरी तरह शंकराचार्य जी ने खारिज किया। उन्होने महनगरों के विकास को विकास नही विनास करार दिया। महानगर की संरचना महायंत्रों से होती है। महानगर बसाने के लिए खनिज पदार्थों हासिल करने के लिए पृथ्वी को खोखला किया जाता है। पर्वतों को तोडा जाता है। जल को दूषित किया जाता है। वन उजाडे जाते है। इन सबके बिना महानगरों की कल्पना नहीं की जा सकती। इन सबके लिए महायंत्रों की जरूरत पडती है। इसलिए मेरा मानना है कि मानव अपने बुध्धि से महायंत्रो के निर्माण को रोके नही तो प्रकृति रोकेगी। प्रकृति जब रोकती है तो महंगा पडेगा। उन्होंने कहाकि हम अपनी मेधा शक्ति, रक्षा शक्ति, वाणिज्य शक्ति और श्रम शक्ति से पूरे विश्व को चमत्कृत कर रहे हैं। हिन्दु राष्ट्र के सवाल पर उन्होने कहाकि पहले हमे विश्व के राष्ट्रों को सुसंस्कृत, सुशिक्षित, सुरक्षित, संपन्न और सेवा परायण राष्ट्रों का निर्माण करना होगा। जब हम ये कर लेगें तो हिन्दू राष्ट्र का निर्माण अपने आप हो जाएगा। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महासचिव संजय जोसी, वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय, बनवारी, जीतेन्द्र बजाज, मांगेराम गर्ग, नरेश सिरोही और आदर्श गुप्ता उपस्थि थे।

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