Friday, June 8, 2012

अमर नाथ यात्रा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं : विहिप


नई दिल्ली। जून 7, 2012।
    अमरनाथ यात्रा की अवधि का विवाद प्राकृतिक मौसम के कारण नहीं राजनीतिक
मौसम की खराबी के कारण निर्माण किया जा रहा है यह आरोप लगाते हुए विश्व
हिन्दू परिषद् के प्रवक्ता डा सुरेन्द्र जैन ने  कहा कि अमरनाथ श्राइन
बोर्ड  केवल कुछ अलगाववादियों को खुश करने के लिए  हिन्दुओं की इस पावन
यात्रा के साथ खिलवाड़ करने का दुस्साहस कर रहे है। वे आज यहाँ पत्रकारों
को संबोधित कर रहे थे और उनके साथ विश्व हिन्दू परिषद् - जम्मू कश्मीर
प्रांत के वे पदाधिकारी उपस्थित थे जिनके नेतृत्व में  इस पावन यात्रा की
गरिमा को बचाने का संघर्ष चल रहा है और इस आन्दोलन के पहले चरण में
शिवभक्तों को विजय प्राप्त हुई है। दिल्ली आकर महामहिम राष्ट्रपति,
प्रधान मंत्री व केन्द्रीय गृह मंत्री को इस यात्रा के साथ खिलवाड़ करने
वाले राज्यपाल को हटाने तथा भविष्य में किसी और को खिलवाड़ न करने देने की
व्यवस्था को सुनिश्चित करने हेतु निवेदन करते हुए ज्ञापन दिया। इस
प्रतिनिधि मंडल में जम्मू कश्मीर प्रांत के उपाध्यक्ष श्री हेमराज
खजुरिया, प्रांत के महामंत्री डा. श्याम लाल गुप्ता, जम्मू के अध्यक्ष डा
वी के गुप्ता, बजरंग दल के क्षेत्रीय संयोजक श्री नन्द किशोर और प्रांत
संयोजक श्री नीरज कुमार शामिल थे। डा. जैन ने वर्तमान राज्यपाल श्री
वोहरा के नेतृत्व में गठित बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने ही
2008 में बाबा की जमीन का दुर्भाग्यपूर्ण विवाद खड़ा करके पूरे देश में आग
लगाई थी जिसके कारण 63 दिन जम्मू बंद रहा था और 14 शिवभक्तों को अपना
बलिदान देना पड़ा था। उसके बाद से ही ये इस पावन यात्रा की अवधि कम करते
हुए इसको बंद करने का षडयंत्र  कर रहे है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के
बावजूद अवधि को लगातार कम करते जाना एक षडयंत्र ही हो सकता है। 2010 में
55 दिन, 2011 में 45 दिन और 2012 में और भी घटाकर 39 दिन  करना  मौसम या
मार्ग के कारण नहीं केवल अलगाव वादियों को खुश करने के लिए ही हो सकता
है। 2008 में लगाई गई आग भी उनके इशारे पर ही लगी थी। यह अब स्पष्ट हो
गया है कि वहां के राज्यपाल अलगाववादियों के एजेंट और बोर्ड के सदस्य
उनके सेवक की तरह काम कर रहे है।
    डा. जैन ने बताया कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड के दायित्व और अधिकारों का
निर्णय अमरनाथ श्राइन बोर्ड एक्ट, मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट और 2005 में
जस्टिस कोहली का निर्णय ही करते है। इन सबके अनुसार उस कठिन परिस्थिति
में यात्रियों की सुरक्षा और  सुविधा के लिए वहां पर अस्पताल बनाने
चाहिए, मार्ग चौड़े होने चाहिए, मौसम खराब होने पर उपयोग होने वाले यात्री
निवास होने चाहिए। परन्तु दुर्भाग्य से इन सब कामो में अपनी नाकामी को
छुपाने के लिए वे हर बार वे काम करते है जिनको करने का अधिकार उनको नहीं
है। वे अवधि के साथ बार बार छेड़खानी करके एक अनिश्चितता का वातावरण
निर्माण करना चाहते है जिससे यात्री परेशान हो जाए और यात्रा बंद करके
घाटी में हिन्दू के जाने पर पूर्ण प्रतिबन्ध के अलगाववादी एजेंडे को पूरा
किया जा सके। वे पुराने और अलग-अलग समय पर बनाए गए चित्र दिखाकर
शिवभक्तों को धोखा देना चाहते है। बाबा के मार्ग में बर्फ नहीं होगी तो
क्या कनाट प्लेस में होगी। क्योंकि बर्फ हमेशा होती है, इसीलिए उसे
बर्फानी बाबा कहा जाता है। अप्रेल माह में पंजाब के कुछ युवक वहां दर्शन
कर चुके है। उस समय के चित्र अखबारों में छप चुके है। टी वी चैनल दिखा
चुके है। अब वे कहते है के मार्ग ठीक नहीं है। क्या इतने दिनों में वे
मार्ग को ठीक करने की जगह बंद करने का काम करते रहे है। उनके नापाक
इरादों का भंड़ा फोड़ उसी समय हो गया था जब पूज्य ज्ञानानंद जी महाराज ने
कहा था कि बोर्ड तो अक्तूबर में ही 25 जून तय कर चुका था,  सदस्यों से
तो केवल धोखे या दबाव से हस्ताक्षर कराये गए  और ज्ञानानंद जी इस धोखे
में नहीं आये। अब वे बार-बार बर्फ दिखाकर पूरे देश के साथ धोखा  करना
चाहते है जिसको शिवभक्त सहन नहीं कर सकते।
    बाबा अमरनाथ का क्षेत्र ज्योतिष पीठ  के अंतर्गत आता है। उनके
शंकराचार्य का निर्णय इस विषय में सर्वोच्च है । वे जम्मू  में आकर अपना
निर्णय दे चुके है। उनका निर्णय कि यह यात्रा पूरे वर्ष चलानी चाहिए यही
परम्परा है। केवल इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा का विचार किया गया है। इनके
निर्णय के बाद अब किसी अन्य किसी के विचार का कोई महत्त्व नहीं है ।
    विश्व हिन्दू परिषद् के प्रवक्ता ने बताया कि 3 जून से ही जम्मू में
पूरे देश से हजारों शिवभक्त उपस्थित थे जो ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बाबा के
दर्शन करना चाहते थे । उनको जबरन रोका गया । वहां रास्ता साफ़ करने करने
के लिए गूजर भाई जाना चाहते थे उनको भी नहीं जाने दिया गया । जब बजरंग दल
के 15-20 कार्यकर्ताओं ने वहां की सही स्थिति जानने के लिए जाने की कोशिश
की तो उनको गिरफ्तार  किया गया। इसका साफ़ मतलब है कि वे वहां की स्थिति
को छुपाना चाहते है। जम्मू में एकत्रित हजारों शिवभक्तों को भी गिरफ्तार
किया गया। अब उन्हें ज्येष्ठ पूर्णिमा को ही पूजन करना पड़ा चाहे वह अधूरा
ही था । इसका मतलब है कि अब ज्येष्ठ पूर्णिमा स्थापित हो चुकी है वे इससे
पीछे नहीं हट सकते। उन्हें देश का क्रोध भी दिखाई दे गया है। परन्तु
वर्तमान राज्यपाल और यह हिन्दू विरोधी बोर्ड इस यात्रा के विकास के लिए
नहीं उसके विनाश के लिए काम कर रहा है।
    इनको बदलने के अलावा हम ऐसी व्यवस्थाएं बनाने की मांग करते हैं जिससे
भविष्य में फिर कोई राज्यपाल इस यात्रा के साथ खिलवाड़ न कर सके। हमारी
मांगे है:-
1.वर्तमान राज्यपाल को अविलम्ब हटाकर एक शिवभक्त और देशभक्त राज्यपाल को
वहां नियुक्त किया जाए।
2. बोर्ड का वर्तमान चरित्र हिन्दू विरोधी और शिव विरोधी है । इनको
बदलकर शिवभक्तों का ही बोर्ड बनाया जाए ।
3. बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले सभी मार्गों को मिलाकर जो
क्षेत्र बनाता है उसे बाबा अमरनाथ क्षेत्र घोषित किया जाए जिस तरह माता
वैष्णो देवी या तिरुपति में होता है।
4. बाबा अमरनाथ के मार्गों में बड़े अस्पताल बनाए जाए जिससे वहां कोई
आपदा आने पर शिवभक्तों के प्राणों को बचाया जा सके।
5. बाबा के मार्गों को चौड़ा करना वहां यात्री विश्राम गृह बनाना जगह-जगह
आक्सीजन की व्यवस्था करना आदि जो काम उनके है उनको अविलम्ब पूरा करने का
आदेश दिया जाए क्योंकि राज्यपाल राष्ट्रपति का ही प्रतिनिधित्व करता है।
    हम उनसे निवेदन करते हैं कि वे एक माह में ही उपयुक्त आदेश दे। अब हम हर
वर्ष यह झगडा नहीं चाहते। यदि वे उपयुक्त कार्यवाही नहीं करते तो हमें एक
राष्ट्रव्यापी आन्दोलन खड़ा करना पडेगा। पत्रकार वार्ता में विहिप दिल्ली
के अध्यक्ष स्वदेश पाल गुप्ता व जम्मू कश्मीर प्यूपिल्स फ़ोरम के महेन्द्र
मेहता भी उपस्थित थे।

धन्यवाद
विनोद बंसल
मीडिया प्रमुख
विश्व हिन्दू परिषद इन्द्रप्रस्थ
संपर्क: 9810949109

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