हज़ सब्सिडी पर निर्णय सरकार के मुंह पर तमाचा: विहिप
नई दिल्ली मई 09, 2012| हज़
सब्सिडी पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीतियों पर
गहरा तमाचा है। विहिप दिल्ली के महामंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने देश की सरकारों
को नसीहत दी है कि इस निर्णय के बाद वे अपनी मुस्लिम तुष्टीकरण नीतियों पर पुनर्विचार
करें तथा भारत के संविधान की मूल भावना को समझते हुए धार्मिक आधार पर किसी भी प्रकार
आरक्षण या अन्य भेद भाव को रोकें।
विहिप
दिल्ली के झण्डेवालान स्थित कार्यालय में आज हुई एक बैठक के बाद मीडिया प्रमुख
श्री विनोद बंसल ने बताया कि विहिप के प्रान्त महामंत्री ने दिल्ली सरकार तथा उसके
अल्पसंख्यक आयोग द्वारा मुसलिम युवकों को विना गारंटी लोन दिये जाने तथा मदरसों के
आधुनिकीकरण हेतु सरकारी पैसा दिए जाने के खिलाफ़ भी चेताया है। उन्होंने यह भी कहा
कि एक ओर केन्द्र सरकार म्यान्मार से आए हजारों
मुस्लिम शरणार्थियों को दिल्ली में बसाने की अनुमति दे चुकी है जबकि गत छ: माह से
दर-दर की ठोकरें खा रहे पाकिस्तान से अपनी जान बचाकर आए मात्र 150 हिन्दुओं को बार-बार
पाकिस्तान बापस भेजने की धमकी दे रही है। उन्होंने
पूछा कि क्या इसी को सैक्यूलरिज्म कहा जाता है? विहिप ने मांग की है कि केन्द्र
सहित देश की सभी सरकारें धार्मिक आधार पर देश की जनता के साथ किसी भी प्रकार के
भेदभाव को रोकें तथा देशवासियों की मेहनत की कमाई से दिए गए टैक्स का दुरुपयोग
सिर्फ़ अपने वोट बैंक को साधने में न करें अन्यथा देश का हिन्दू समाज चुप नहीं
बैठेगा।
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